पूरे देश की सभी राजनीतिक पार्टियां आजकल लोकसभा चुनाव की तैयारी में लग गई है। सभी को यह चिंता है कि इस बार कहीं दूसरी पार्टी हमसे आगे ना निकल जाए। सभी अपनी अपनी पार्टी को लेकर खूब जी तोड़ मेहनत कर रही है।
लखनऊ। राज्य में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं। इसके लिए इन दलों की सूबे में लगातार बैठकें और अन्य कार्यक्रम चल रहे हैं। राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों का चयन भी शुरु कर दिया है। भाजपा ने पिछले चुनाव में 71 सीटें जीती थीं, जबकि उसके समर्थन से अपना दल 2 सीट जीतने में सफल हुई थी। सपा ने कुछ उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। बसपा को 2014 के चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी। बसपा ने डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती 14 अप्रैल से चुनावी तैयारी शुरु कर दी थी, हालांकि मायावती ने अभी कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
बताया जा रहा है कि भाजपा लगातार बैठकें कर रही हैं। भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने बताया कि वह खुद झांसी में कार्यकर्त्ताओं की बैठक ले रहे हैं, जबकि अन्य पदाधिकारी राज्य के विभिन्न जिलों में इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हैं। पाठक ने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा में अभी समय है, लेकिन चुनावी तैयारी लगातार चल रही है। कांग्रेस चुनावी तैयारियों के मद्देनजर किसान यात्रा चला रही है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने बताया कि चुनाव तैयारी चल रही है। भाजपा का विकल्प केवल कांग्रेस है। उनका दावा है कि नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सरकार फेल है। इसका लाभ कांग्रेस को मिलेगा। उनका कहना था कि आगामी नवम्बर में लोकसभा के चुनाव हो सकते हैं।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी और अध्यक्ष अखिलेश यादव के कन्नौज से लड़ने की घोषणा हो चुकी है, जबकि राज्यसभा में सपा नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव के संभल से लड़ने की सम्भावना है। वर्ष 2014 के चुनाव में सपा 5 सीटों पर जीती थी। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने उम्मीदवारों से प्रार्थना पत्र लेना शुरु कर दिया है। इन तैयारियों को देखते हुए राजनीतिक हलकों में चुनाव समय से पहले होने की अटकलों को बल मिल रहा है।