सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मासूमों से जुड़े यौन हिंसा के एक साल से ज्यादा समय से लंबित मामले फौरन निपटाने के निर्देश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने सभी हाईकोर्ट से कहा है कि पॉक्सो के तहत दर्ज मामलों का फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर निपटारा किया जाए। तीन जज की कमेटी बनाकर सुनवाई की निगरानी की जाए। साथ ही राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को पॉक्सो मामलों की जांच के लिए विशेष कार्यबल गठित करने के आदेश दिए हैं।.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विशेष अदालतें तेजी से सुनवाई करके जल्द फैसला करें। पीठ ने हाईकोर्ट से कहा कि निचली अदालतों को लंबित मुकदमों की सुनवाई स्थगित करने की अनावश्यक इजाजत नहीं दें। .
कोर्ट ने अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिए। श्रीवास्तव ने दिल्ली के नेताजी सुभाष पार्क के निकट एक बस्ती में आठ माह की बच्ची से दुष्कर्म मामले की जल्द सुनवाईकी मांग की थी।
पॉक्सो एक्ट में प्रावधान हैकि मामले का एक साल में निपटारा किया जाए। लेकिन यूपी में सबसे ज्यादा 34,000 और मध्य प्रदेश में 10,177 मामले एक साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। राजस्थान, आंध्र और तेलंगाना में ऐसे मामले लंबित नहीं है।.